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Chhattisgarh

राज्य नोडल अधिकारी एवं कलेक्टर ने नगरी के पर्यटन क्षेत्रों का दौरा कर किया सघन निरीक्षण

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धमतरी। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना राम वनगमन परिपथ के अंतर्गत जिले के धार्मिक एवं पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण क्षेत्रों का विकास किया जाएगा। राम वनगमन परिपथ की राज्य नोडल अधिकारी डॉ. अनुराधा दुबे तथा कलेक्टर पी.एस. एल्मा ने आज विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर अधोसंरचना के सुव्यवस्थित विकास के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने डोंगरडुला क्षेत्र में स्थित प्राचीन कोटेश्वर महादेव मंदिर, अगस्त्य ऋषि पर्वत पहुंच मार्ग, श्रृंगि ऋषि आश्रम क्षेत्र इत्यादि इलाकों का सघन निरीक्षण एवं अवलोकन किया।
कलेक्टर एल्मा एवं राज्य नोडल डॉ. दुबे ने ग्राम पंचायत डोंगरडुला के सघन वन में स्थित कोटेश्वर महादेव मंदिर परिसर का अवलोकन किया। कलेक्टर ने स्थानीय लोगों की आस्था के अनुकूल उक्त क्षेत्र को विकसित करने की बात कही। इस दौरान बताया गया कि नगरी मुख्यमार्ग से कोटेश्वर धाम पहुंचमार्ग का निर्माण मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 3.50 किलोमीटर पक्की सड़क का निर्माण 1.25 करोड़ रूपए की लागत से तैयार किया जा रहा है, जिसकी शोल्डरिंग का कार्य वर्तमान में जारी है। कलेक्टर ने श्रद्धालुओं की सुविधानुरूप यहां पर पेयजल, शेड तथा अन्य कार्यों को शीघ्रता से तैयार करने के निर्देश एसडीएम नगरी श्री जितेन्द्र कुर्रे को दिए। इसके उपरांत अधिकारियों का दल अगस्त्य ऋषि पर्वत के तलहटी इलाके का निरीक्षण किया। इस दौरान मुकुंदपुर-चिखलीपारा के बीच आवासीय कॉलोनी के पास नहर-नाली के उपर अनधिकृत रूप से बनाए जा रहे निजी पुल पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग की नहर पर किया जा रहा निजी निर्माण पूरी तरह से अनधिकृत है और इसकी तत्काल जांच कराएं। उन्होंने उक्त क्षेत्र का फौरी तौर पर सीमांकन करने के निर्देश नगरी तहसीलदार को दिए। साथ ही पहुंच मार्ग को सुगम एवं सीधा बनाने के लिए भी वर्कआउट करने के लिए निर्देशित किया।
इसके उपरांत उन्होंने श्रृंगि ऋषि पर्वत एप्रोच मार्ग के निचले हिस्से का निरीक्षण किया। यहां पर विकसित अतिक्रमण को देखते हुए कलेक्टर ने उक्त इलाके का भी सीमांकन करने के साथ-साथ लगानी और आबादी भूमि का अलग-अलग ब्यौरा तैयार करने के निर्देश एसडीएम नगरी को दिए। साथ ही ऐसे पुराने ढांचों का भी सर्वे करने के निर्देश दिए जो जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है और जिनका रिनोवेशन किया जा सके। इसके अलावा पर्यटन के दृष्टिकोण से अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों का दौरा कर उनके सुव्यवस्थित विकास के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
निरीक्षण व अवलोकन के दौरान राज्य की नोडल अधिकारी ने बताया कि राम वनगमन परिपथ विकास के पहले चरण में उक्त क्षेत्र में सप्तर्षि की तपोभूमि होने के कारण इस पर प्राथमिकता से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना के तहत पहले चरण में श्रृंगि ऋषि तपोवन क्षेत्र का चयन किया गया है। ग्राम मुकुंदपुर-चिखलीपारा के मध्य आवासीय कॉलोनी के समीप रिक्त भूखण्ड पर सप्तर्षि आश्रम की प्रतिकृति बनाई जाएगी, साथ ही धार्मिक, ऐतिहासिक एवं वैदिक महत्व को दृष्टिगत करते हुए श्रद्धालुओं, साधु-संतों व सैलानियों के लिए व्यू प्वॉइंट, मोटल, टेन्ट हाउस, गेस्ट हाउस, डोरमेट्री आदि तैयार किए जाएंगे, जो कि पेयजल, विद्युत एवं आवासीय सुविधायुक्त होंगे। इसके अलावा वहां पर वैदिक विलेज, यज्ञशाला इत्यादि का निर्माण अथवा यथायोग्य नवीनीकरण एवं सौंदर्यीकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार उक्त सभी अधोसंरचना का विकास दिसम्बर 2022 तक पूर्ण किया जाना है। निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत की सी.ई.ओ. प्रियंका महोबिया, जनपद पंचायत नगरी के सी.ई.ओ. पटेल, तहसीलदार जनबंधु सहित ब्लॉक स्तर के अधिकारीगण उपस्थित रहे ।

“वैभव चौबे ​की रिपोर्ट”

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