महिलाएं मछली पालन कर हो रही आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर महिला समूह के सदस्यों को तालाब लीज लेकर मछली पालन करने से हो रहा लाभ….
”बीएन यादव की रिपोर्ट”
कोरबा। राज्य शासन द्वारा मछली पालन को कृषि का दर्जा दिए जाने से प्रदेश सहित कोरबा जिले के मछली पालक किसान उत्साहित हैं। राज्य शासन द्वारा महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन के लिए किए जा रह प्रयासों से जिले की महिलाएं भी मछली पालन करने के लिए उत्साहित हैं। स्वसहायता समूह की महिलाएं मछली पालन कर आर्थिक लाभ कमा रही हैं। विकासखण्ड पोड़ी-उपरोड़ा के ग्राम गौठान बंजारी की जय बंजारी दाई महिला स्व सहायता समूह द्वारा आदर्श ग्राम के समीप के शासकीय तालाबों को 10 वर्षीय मत्स्य पालन हेतु पट्टे पर प्राप्त कर मत्स्य पालन का कार्य किया जा रहा है। शासन द्वारा वर्ष 2020-21 में समूह के महिला सदस्यों को मत्स्य पालन की आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया है। महिला समूह की सदस्यों को मत्स्य पालन में रूचि रखने के कारण विभागीय मौसमी तालाबों में स्पांन संवर्धन योजना अंतर्गत 25 लाख मिश्रित स्पांन तथा मछली आहार एवं नर्सरी नेट प्रदान किया गया है। समूह द्वारा वर्तमान में संवर्धित स्पांन से लगभग राशि 20 हजार रूपए का मत्स्य बीज विक्रय किया गया है। महिला समूह की सदस्यों द्वारा 10-10 हजार रूपए नग अंगुलिका का संचयन अपने तालाबों में किया गया है। वर्तमान में समूह के पास लगभग 80 हजार फिंगरलिंग उपलब्ध है, जिसे विक्रय कर लगभग 35 हजार रूपए की आय प्राप्त होगी।
जय बंजारीदाई महिला स्वसहायता समूह की अध्यक्ष राजेश्वरी ने बताया कि मत्स्य पालन कार्य किये जाने के पूर्व महिला किसानों की आर्थिक स्थिति सामान्य थी। महिलाएं स्वरोजगार स्थापित करने और गांव में ही आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से मछली पालन व्यवसाय से जुड़ी। मछली पालन व्यवसाय शुरू करने से महिलाओं को अतिरिक्त आमदनी प्राप्त करने का जरिया मिला। समूह की महिलाओं ने ग्राम बंजारी के समीप के तीन शासकीय तालाबों स्कूल तालाब, छिंदपारा तालाब और भदरापारा तालाब को दस साल के लिए मछली पालन करने के लिए पट्टे पर लिए। पट्टे पर लिए गए तालाबों पर महिला समूह के सदस्यों ने मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया। समूह के द्वारा मत्स्य पालन व्ययसाय से जुड़ने से इनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। महिलाओं ने बताया कि मत्स्य पालन की योजना अत्यंत लाभदायक है। महिला समूह के सदस्यों द्वारा भविष्य में समूह द्वारा 10 हजार रूपए की आय अर्जित करने की योजना है। समूह द्वारा मत्स्य पालन में रूचि रखने के कारण वर्ष 2021-22 में योजनान्तर्गत 25.00 लाख मिश्रित स्पांन प्रदाय प्रदाय किया गया है। जिससे भविष्य में समूह को अतिरिक्त आमदनी प्राप्त होगी।