विघ्नहर्ता गणेश आज घर-घर होंगे विराजमान,गणेश स्थापना का सबसे अच्छा मुहूर्त सुबह 11:00 से दोपहर 1:20 तक
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम। बुधवार को विघ्नहर्ता भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना घर घर के अलावा चौक चौराहे पर किया जाएगा इसके लिए विशेष रुप से तैयारियां की गई है। जानकारी के मुताबिक अकेले शहर में अट्ठारह चौक चौराहे पर गणपति बप्पा की मूर्तियां बिठाई जा रही है। पूरे 11 दिनों तक पूजा अर्चना से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं दर्शन पूजन के लिए समितियां बनाई गई है यह समिति स्थापना से लेकर विसर्जन तक सारे इंतजाम पुख्ता करेंगे। बताया जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन शुभ मुहूर्त 31 अगस्त को सुबह 6:00 बजे से 9:00 बजे तक, सुबह 10:30 से दोपहर 2:00 बजे तक, अपराह्न 3:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक, शाम 6:00 बजे से 7:00 बजे तक है इस दिन मूर्ति स्थापना करने का सबसे अच्छा मुहूर्त सुबह 11:00 से दोपहर 1:20 को माना जा रहा है क्योंकि इस मध्य काल में भगवान गणपति का जन्म हुआ था। इस बार गणेश चतुर्थी पर पांच दुर्लभ योग बन रहा है।पहला- गणेश के जन्म के समय जो योग संयोग बने थे वहीं चतुर्थी को बन रहा है।दूसरा- गणेश उत्सव का त्योहार 10 दिनों तक मनाया जाता है इस साल गणेश उत्सव पर दुर्लभ लंबोदर योग बन रहा है यह योग पिछले 300 साल बाद बन रहा है इसलिए इसे लंबोदर योग कहा जा रहा है।तीसरा-गणेश चतुर्थी पर लंबोदर योग के साथ ही भगवान गणेश के जन्म के समय बनने वाले वक्त वीणा, वरिष्ठ, उभयचरी और अमला राजयोग रहे हैं। चतुर्थ रवि योग-31 अगस्त की सुबह 5:38 से रात्रि 2:12 बजे तक रवि योग के साथ शुक्ल योग बन रहा है। पंचम ग्रह संयोग-गणेश चतुर्थी के दिन चार ग्रह अपनी स्वराशि में रहेंगे। बृहस्पति मीन में, शनि मकर में, बुध कन्या में और सूर्य सिंह राशि में रहकर शुभ योग निर्मित कर रहे हैं।
गणेश चतुर्थी को लेकर आकर्षक पंडाल को सजाए जा रहे हैं जगह-जगह इनकी रौनक देखने को अभी से मिल रही है। वही मूर्तिकार तरह-तरह के आकार के साथ ही मूर्ति की निर्माण किए हैं वह इन्हें फाइनल टच तो दे रहे हैं। साथ ही मूर्तियों की डिलीवरी भी शुरू हो गई है लोग अपने अपने साधन से निर्माण स्थल तक पहुंच रहे हैं और उन्हें वाहनों में भरकर ले जा रहे हैं इससे गणपति बप्पा की जय कारा की धूम देखने को मिल रही है।