The Popatlal

सच्ची खबर देंगे पोपटलाल

Chhattisgarh

क्या पवन दीवान के राजिम को जिला बनाने का सपना पूरा हो पाएगा

Spread the love

”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम । मंगलवार 1 मार्च को महाशिवरात्रि के मौके पर समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजिम आ रहे हैं यहां के लोग उम्मीद लगाकर बैठे हुए हैं कि इस बार मुख्यमंत्री के आगमन ऐतिहासिक होगा। कारण यह है कि वह राजिम को जिला बनाकर जाएगा परंतु यह तो समय की गर्त में छिपा हुआ है। हो सकता है समापन समारोह में राजिम की महत्ता के बारे में बखान कर चले जाए और लोगों के अपेक्षाएं धराशाही हो जाए या मंच से जिला की चर्चा ही ना करें। या फिर ऐसा भी हो सकता है कि राजिम को जिला बनाने की घोषणा कर दे और दीवान के सपने पूरे हो जाए। खैर कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन राजिम को जिला बनाने की मांग अविभाजित मध्यप्रदेश के समय सन् 1994 से चल रही है उसके बाद पवन दीवान ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1 नवंबर सन् 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य बना दिया इसके साथ ही राज्य बनने का सपना पूरा हो गया। अजीत प्रमोद कुमार जोगी राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बने उस समय पवन दीवान मुख्यमंत्री से ही राजिम को जिला बनाने की मांग रखी। इस पर उन्होंने कहा कि धार्मिक जिला बना दिया जाएगा परंतु पवन दीवान राजस्व जिला बनाने की मांग पर अड़े रहे और मामला ठंडे बस्ते में चला गया। उसके बाद से लगातार जिला बनाने की मांग चल रही है सन 2014 में पवन दीवान का निधन हो गया। अब 16 से 32 जिला हो गए हैं परंतु अभी भी राजिम का क्रम नहीं आया है। कहा जाता है कि पवन दीवान ने मुख्य रूप से तीन सपने संजोए थे जिनमें पहला छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण जो आज से 21 साल पहले पूरा हो चुका है। दूसरा माता कौशल्या की जन्मभूमि चंद्रखुरी को विकसित करने की। यह सपना मुख्यमंत्री बघेल पूरा कर रहे हैं लेकिन उनके तीसरा सपना राजिम को जिला बनाना आज भी अधूरा रह गया है। पूरा कौन करेगा।
महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के सांसद चुन्नीलाल साहू महानदी महाआरती में सम्मिलित होने शुक्रवार को आए थे तब उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि जिला बनाने का अधिकार सिर्फ मुख्यमंत्री को है वह चाहे राजिम को जिला बना सकती है। अब लोगों की नजरें सिर्फ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर है। महाशिवरात्रि पवित्र दिन है। इस दौरान देशभर के लोग राजिम में एकत्रित होंगे और स्नान दान तथा मुख्यमंत्री के समापन समारोह के साक्षी बनेंगे। यदि इसी समय जिला की घोषणा कर दे तो इससे बड़ा ऐतिहासिक पल और कुछ नहीं होगा। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भावसिंह साहू का कहना है कि राजिम शहर का नाम तेलीन माता के नाम से है जिस तरह से बिलासा देवी के नाम पर बिलासपुर जिला का नाम पड़ा है ठीक उसी तरह से राजिम तेलीन के नाम से राजिम को जिला बनाया जाए। कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष रूपेश साहू ने कहा कि राजिम छत्तीसगढ़ का प्रयाग राज है। देशभर के लोग ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग छत्तीसगढ़ राजिम को देखने के लिए आते हैं। यहां जिला प्रशासन का होना बहुत जरूरी है। कुछ लोग यह सोच रहे हैं कि राजिम की आबादी कम है लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं यहां दो शहर नवापारा और राजिम है दोनों को मिलाकर संयुक्त जिला बनाया जाए तो एक बड़ी आबादी कवर करेगी। धार्मिक, व्यापारिक एवं राजनीतिक दृष्टिकोण से इनका अपना अलग महत्व है हम लोगों ने कांग्रेस पार्टी की ओर से मौखिक एवं लिखित दोनों रूप से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग रख चुके हैं। महाशिवरात्रि पर आ रहे मुख्यमंत्री निश्चित रूप से राजिम को जिला घोषित करें यह आस्था का केंद्र है जिला बनने से ही इनके विकास में तेजी आएगी। अधिवक्ता महेश यादव ने कहा कि देश में जितने बड़े तीर्थ स्थल है सभी जिला मुख्यालय बन चुके हैं परंतु राजिम का यह दुर्भाग्य है। अभी तक जिला नहीं बन पाया है। सतयुग, त्रेता, द्वापर, कलयुग सभी युगों में स्थापित नगरी रहा है। यहां भगवान विष्णु राजीवलोचन के रूप में विराजमान है महादेव कुलेश्वर नाथ तथा देवी जगदंबिका मां महामाया के रूप में मौजूद है। हरि और हर की नगरी है। राजनीतिक दृष्टिकोण से इस शहर ने अविभाजित मध्यप्रदेश में तीन बार मुख्यमंत्री दिए हैं इसे तो बहुत पहले से जिला बन जाना चाहिए था अब छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद भी इनका नंबर नहीं लगा है। हम मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री शीघ्र राजिम को जिला बनाने की घोषणा करें। युवा कवि एवं साहित्यकार संतोष कुमार सोनकर ने बताया कि साहित्य के क्षेत्र में राजिम का अपना अलग स्थान है पंडित सुंदरलाल शर्मा से लेकर पुरुषोत्तम अनासक्त,संत कवि पवन दीवान जैसे अनेक महान साहित्यकार हुए हैं जिनकी लेखनी सात समंदर पार भी दिशा देने का काम कर रही है। राजिम की माटी में खेलकर अनेक कवि एवं साहित्यकारों ने लिखना सीखा है। करीब पिछले 300 सालों से यहां साहित्य के अलख जग रही है फिर भी एक साहित्यिक भवन तक यहां के रचनाकारों को नसीब नहीं हुआ है। जिला बनने से साहित्यिक प्रगति मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *