केंद्र की भाजपा सरकार के तमाम दुष्प्रचार, असहयोग और अड़ंगेबाजी के बावजूद भी छत्तीसगढ़ में धान खरीदी प्रगति पर – राजीव शर्मा
जगदलपुर। केंद्र की भाजपा सरकार के असहयोग और अड़ंगेबाजी और तमाम दुष्प्रचार के बावजूद छत्तीसगढ़ में धान खरीदी प्रगति पर है.उक्त कथन जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा उन्होंने आगे बताया कि प्रदेश भर के 2463 खरीदी केंद्रों में धान खरीदी प्रारंभ हो चुकी है लगभग 146000 किसानों ने अपना धान बेच दिया है और लगभग 397000 मीट्रिक टन धान की खरीदी भी हो चुकी है। प्रदेश के किसी भी धान खरीदी केंद्र में बारदाने की कमी नहीं है और किसानों को शीघ्र भुगतान की भी व्यवस्था की गयी है। इस वर्ष मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर धान उपार्जन केंद्रों से धान परिवहन के डी.ओ.भी कटने शुरू हो गये है। ताकि खरीदी केंद्रों पर धान जाम होने की स्थिति न बन पाए। राजीव शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार इस वर्ष भी किसानों को न्यूनतम ₹2500 रुपए धान की कीमत दे रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से धान की फसल के लिये 9000 रू. इनपुट सब्सिडी प्रति एकड़ दी जा रही है। प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की खरीदी होगी, अर्थात प्रति क्विंटल 600 रू. राजीव गांधी किसान न्याय योजना में मिल रहा। धान खरीदी का मूल्य 1940+600=2540 मोटा तथा 1960+600=2560 रुपए पतला धान की कीमत भूपेश सरकार दे रही जो कांग्रेस के जन घोषणा पत्र के वायदे से भी ज्यादा है तथा पूरे देश में धान की सर्वाधिक कीमत छत्तीसगढ़ सरकार दे रही है। रमेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर प्रदेश में धान का उठाव पहली बार खरीदी होने के सीमित समय में शुरू हो चुका है खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी व्यवस्था के तहत सुव्यवस्थित कस्टम मिलिंग के लिए राईस मिलरों के प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर ₹120 प्रति क्विंटल करने और राईस मिलरों के आग्रह पर कस्टम मिलिंग के लिए राज्य में ऑटो पंजीयन की व्यवस्था तत्काल शुरू करने के निर्देश जारी किए गए उन्होंने राईस मिलरों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण के ठोस और प्रभावी कदम उठाए हैं भारतीय जनता पार्टी धान खरीदी के मामले में केवल झूठी अफवाहें व बयानबाजी कर भ्रम फैलाने का काम कर रही तथा भाजपा के नेता केंद्र मोदी सरकार के सह पर छत्तीसगढ़ की धान खरीदी नीति को प्रभावित करने का कार्य कर रहे। आखिर क्या कारण है कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ से उसना चावल नहीं ले रही है। जबकि राज्य में पैदा होने वाले कुल धान का 45 प्रतिशत उसना किस्म का है। भाजपा की केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को बारदाना देने में भी भेदभाव व असहयोग कर रही है। राज्य को धान खरीदी के लिए 5.25 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता है। मगर इस वर्ष केंद्र ने 2.14 लाख गठान बारदानों की स्वीकृति दी है जिसका एडवांस पैसा जमा करने के बावजूद भी छत्तीसगढ़ को अभी मात्र 86856 गठान बारदाने ही उपलब्ध कराए गये है। भाजपा नेता उसना और बारदाने मामले में केंद्र से राज्य के हितों पर अपनी बात रखने का पहले साहस दिखाये। तब राज्यहित की बात करे। भाजपा नेताओं के बयानबाजी से स्पष्ट हो रहा कि केंद्र की साजिश में छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता भी शामिल है जिसे प्रदेश की जनता और गरीब किसान कभी माफ नहीं करेगा भाजपा की कथनी और करनी में प्रदेश की जनता यह जान चुकी और समझ चुकी है कि सेवा जतन सरकार छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार।